Computer virus kya hai, Computer virus in hindi – कंप्यूटर वायरस कितने प्रकार के होते हैं?
Computer Virus किसी भी कंप्यूटर यूजर को भयभीत कर सकता है। क्योंकि इन viruses की बजह से हमारे कंप्यूटर सिस्टम को काफी ज्यादा नुकसान हो जाता है। ये वायरस मोबाइल और कंप्यूटर दोनो को अफेक्ट करते है। क्या आप को पता है सबसे पहला कंप्यूटर वायरस कब खोजा गया? कंप्यूटर वायरस क्या है? वायरस कितने प्रकार के होते हैं? अगर आप वायरस के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यहाँ पर हमने Computer virus kya hai? Computer virus in Hindi में जानकारी शेयर किया है। जिससे आप virus के बारे में काफी अच्छा नॉलेज ले सकते हैं।
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Computer virus in hindi – कंप्यूटर वायरस के बारे में जानकारी
जैसे हमारे शरीर में कुछ विषेलै वायरस घुस जाते हैं और कई प्रकार की बीमारीयां फैलाते हैं। ठीक उसी प्रकार हमारे कंप्यूटर या फिर मोबाइल में भी वायरस घुस जाते हैं। और कंप्यूटर को नुकसान पहुँचाते है। हालांकि Computer virus शरीर में पाए जाने वाले वायरस से अलग होते हैं। लेकिन इन दोनो का काम एक ही है नुकसान पहुँचाना। चलिए जानते हैं कि Computer virus kya hai?
Computer virus kya hai – कंप्यूटर वायरस क्या है?
जिस प्रकार किसी Software को Programmer के द्वारा develop किया जाता है, ठीक उसी प्रकार एक Computer virus भी प्रोग्रामर द्वारा बनाया जाता है। जिन्हे कंप्यूटर प्रोगांमिग भाषा की जानकारी बहुत ज्यादा होती है। कंप्यूटर वायरस एक तरह से छोटे प्रोग्राम या साफ्टवेयर होते हैं जो किसी को परेशान करने, फाइल को करप्ट करने, या फिर यूजर की पर्सनल इन्फॉरमेशन को चुराने के उद्देश्य से बनाया जाता है।
Computer virus में प्रोग्रामर ऐसे Instructions code लिखते हैं जो एक बार कंप्यूटर में प्रवेश करने के बाद अपने आप एक्टीवेट हो जाते हैं। और ये कंप्यूटर पर किसी काम में बाधा डालते हैं और एक खास बात कि virus अपने आप को हजारों-लाखो की संख्या में डुप्लीकेट करते रहते है। जिससे प्रोसेसर पर अधिक लोड पड़ता है और कंप्यूटर धीमा या फिर हैंग हो जाता है। कुछ वायरस पूरे Windows OS को ही पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं।
सबसे पहले कंप्यूटर वायरस कब और किसने बनाया था?
Robert Thomas, ऐसे सबसे पहले इंजीनियर थे जिन्होनें BBN Technologies काम करते समय सबसे पहले सन् 1971 में Creeper virus नाम का Software बनाया था। जो कि कंप्यूटर में तो कोई प्रोबलम क्रिएट नही करता था लेकिन स्क्रीन पर आकर काम को रोकने का प्रयास करता था। स्क्रीन पर एक I’M THE CREEPER: CATCH ME IF YOU CAN. नाम से एक मैसेज बार-बार डिस्प्ले होता था। जिससे कंप्यूटर पर काम करने में बाधा आती थी।
Computer virus name – कुछ पॉपुलर कंप्यूटर वायरस के नाम
- Michelangelo – माइकलएंजिलो
- Disk Washer – डिस्क वाशर
- C-Brain – सी ब्रेन
- Macmag – मैकमैग
- Jerusalem – जेरूसलेम
- Columbus – कोलम्बस
Computer virus ke prakar – कंप्यूटर वायरस कितने प्रकार के होते है?
1. BOOT RECORD VIRUS – बूट सेक्टर वायरस
यह virus computer की boot sector (Hard disk) में इंस्टाल हो जाता है। और जैसे ही कंप्यूटर को आन करते हैं तो यह हमारे स्क्रीन पर एक्टींवेट होकर उल्टा सीधा कमांड देना लगता है। और तो और यह Anti virus की पकड़ में भी नही आते इसलिए इनको हटाने के लिए कंप्यूटर को ही फॉर्मेट करना पड़ सकता है। इसके बाद यह हार्ड डिस्क से डिलीट हो जाता है।
2. DIRECT ACTON VIRUS – डायरेक्ट ऐक्शन वायरस
ये ऐसे वायरस होते हैं जो इंटरनेट से डायरेक्टली डाउनलोड हो जाते हैं और ऑटोमैटिक इंस्टॉल भी हो जाते हैं। इस तरह के virus एक क्लिक में डाउनलोड और इंस्टॉल हो जाते हैं और फिर ऐसे ऐसे उल्टे सीधे काम करने लगते हैं जिन्हे रोका नही जा सकता है। और कभी कभी एंटी वायरस की पकड़ में भी नही आता है। जैसा की नाम से पता चलता है ये वायरस डायरेक्टली परफॉर्म करते हैं जैसे किसी फाइल को डिलीटि करना, डुप्लीकेट करना, फोल्डर डिलीट करना और कंप्यूटर को बार बार रिस्टार्ट करना, या आप के नेट को स्लो कर देगे या फिर किसी ड्राइव को ही डिलीट कर देगे।
इसे हटाने के लिए आपको एक अच्छा सा प्रीमियम वर्जन का एंटी वायरस लेना पड़ेगा।
3. MULTIPARTAITE VIRUS – मल्टीपर्टाइट वायरस
ये ऐसे Virus होते हैं जो कि हमारे कंप्यूटर में Executable File या Boot sector फाइल में प्रोबलम क्रिएट कर देता है जिससे हमारे कंप्यूटर को काफी छति पहुँचती है।
4. POLYMORPHIC VIRUS – पॉलिमॉर्फिक वायरस
यह virus अपने आप को Duplicate करता रहता है। और जितनी बार भी अपने आप को डबल करता है अपना नाम और लोकेशन चेंज कर लेता है। जिससे यह आसानी से एंटी वायरस की पकड़ में नही आता है। और फाइलो और फोल्डर को डबल कर कर के मेमोरी को भर देता है।
5. OVERWRITE VIRUS – ओवर राइट वायरस
जैसा की नाम से ही पता चलता है कि यह वायरस कंप्यूटर की किसी फाइल को overwrite कर देता है। यानी जो फाइल के अन्दर रियल डाटा होता है उसे डिलीट कर के अपना कुछ कोड (Row Material) बगैरा save कर देते हैं। इस प्रकार से सभी इंपोर्टेंट फाइल को करप्ट करने का काम करते हैं। इसलिए ये काफी खतरनाक वायरस होते है।
6. FILE INFECTOR VIRUS – फाइल इन्फेक्टर वायरस
ये वायरस सीधे फाइल को अफेक्ट करने का काम करते है। ऐसे वायरस फाइल को डुब्लीकेट नही करते बल्कि उसे डिलीट करके उसी नाम से एक नई फाइल क्रिएट कर देते हैं। और जब आप उसे ओपेन करते हैं तो आपको उसमें कुछ भी देखने को नही मिलता है।
7. MACRO VIRUS – मैक्रो वायरस
मैक्रो वायरस किसी खास तरह के फाइल को टारगेट करते हैं, जैसे Microsoft word file, Spreadsheet File आदि। आपने अगर कभी Microsoft word में काम किया होगा तो उसमें एक Macro नाम का एक फंक्शन होता है जो स्टेप्स को रिकार्ड करता है। और फिर उसी यूज कर के हमारे काम को आसान बनाता है। तो इस मैक्रो का इस्तेमाल करके जो फाइल बनाई जाती है उन्हे ही टारगेट करता है। या फिर ऐसे सॉफ्टवेयर का टारगेट करते है जिसमें मैक्रो फंक्शन होता है।
8. RESIDENT VIRUS रेसीडेन्ट वायरस
ऐसे वायरस कंप्यूटर की मेमोरी में अपना एक पर्मानेंट घर बना के रहता है। और यह हमेशा अपने आप को डबल करके रखता है ताकि एक पकड़ जाए तो दूसरा अपना काम करता रहे और पुनः डबल हो जाता है। ऐसे वायरस कंप्यूटर की रैम मेमोरी में स्टोर रहते हैं जिस बजह से इन्हे आसानी से एंटी वायरस डिटेक्ट नही कर पाते हैं। और यदि इनकी एक फाइल डिलीट कर दी जाती है तो रैम से पुनः किसी दूसरे लोकेशन पर सेव कर लेता है।
9. ROOT VIRUS रूट वायरस
यह सबसे अनोखा वायरस है इस प्रकार के वायरस तब कंप्यूटर में आते हैं जब हम किसी प्रकार के क्रैक वर्जन का सॉफ्टवेयर इंटरनेट से Unknown source से डाउनलोड करते हैं। ये वायरस हैकर्स के लिए एक बैक डोर खोल देते है जिससे हैकर्स के पास आपके कंप्यूटर का एक्सेस चला जाता है। और वो आपकी निजी जानकारी को चुरा सकते हैं, या फाइले डिलीट कर सकते हैं या सॉफ्टवेयर को एक्सेस कर सकते हैं। ऐसे वायरस नार्मल एंटीवायरस की पकड़ में नही आते हैं। इसके लिए Root kit scanner आवश्यकता पड़ती है।
Virus Related Concepts – वायरस संबंधित कान्सेप्ट
रियल कंप्यूटर वायरस के अतिरिक्त कुछ ऐसे भी वायरस से मिलते जुलते प्रोग्राम होते हैं जो कंप्यूटर सिस्टम को कुछ अलग तरह से नुकसान पहुँचाते हैं। लेकिन इनके हानि पहुँचाने की विधि अलग ही होती है।
1. TROJANS – ट्रॉजन हॉर्स
Trojans ऐसा program होते है जो कुछ उपयोगी व लाभकारी कार्य करने के दावा करते हैं। लेकिन जैसे इन्हे Execute करने पर सिस्टम को क्षति पहुँचाते हैं। इस तरह के वायरस कंप्यूटर में छुप कर बैठे रहते हैं और किसी विशेष परिस्थित दिनांक के आने पर ही सक्रिय होते है। और Computer Hard Disk को फार्मेट कर देते हैं।
Trojans अपने आप को दोगुना करने की क्षमता नही रखते हैं, इसलिए इन्हे वायरस के तौर पर नही देखा जा सकता है। फिर भी भयंकर क्षति पहुँचाने की क्षमता जरूर रखते हैं। तथा इन्हे लिखना भी आसान होता है। कोई न्यू कंप्यूटर यूजर प्रोग्रामर क्रिएट कर सकता है।
2. BOMBS – बम
बम प्रोग्राम किसी सामान्य प्रोग्राम में छिपे हुए होते हैं। बम किसी क्रोधित कर्मचारी के द्वारा क्रियान्वित किया जा सकता है। कुछ ऐस उदाहरण भी देखने को मिले है जिसमें किसी सॉफ्टवेयर के साथ इन बम को डाल दिया जाता है ताकि चोरी की हुई सॉफ्टवेयर का यदि प्रयोग किया जाए तो Bombs उस कॉपी को हार्ड डिस्क से डिलीट कर देते हैं।
ANSI bombs या Letter bombs विजुअल टेक्स्ट सामाग्री होते हैं जो ANSI ‘की’ के Redefined code होते है जो कीज को दोबारा से प्रोग्राम करते हैं जैसे F3 key को फॉर्मेट कमांड के लिए चेंज कर देते हैं। और यूजर द्वारा जैसे ही F3 कुंजी को प्रेस किया जाता है तो डिस्क फॉर्मेट का कारण बन जाता है।
3. WORMS – वॉम
Worms भी virus की तरह ही अपने आप को दोगुना करने की क्षमता रखता है। परन्तु यह किसी भ Executable file को नुकसान नही पहुँचाता है। यह सिर्फ अपने ही कोड डबल करता रहता है और मेमोरी स्पेस को भरने का प्रयास करता है।
Malware kya hai – मैलवेयर क्या है?
Malware भी एक प्रकार के प्रोगाम या सॉफ्टवेयर होते हैं जो कंप्यूटर को हानि पहुँचाते हैं। Malware का पूरा नाम Malicious Software होता है। जिसका मतलब है खराब सॉफ्टवेयर जो की हमारे कंप्यूटर सिस्टम के लिए बिल्कुल भी ठीक नही है। ये हमारे सिस्टम एक बार घुस जाने के बाद सिस्टम के डाटा को धीरे-धीरे नष्ट करने का काम करते हैं।
Malware हमारे कंप्यूटर सिस्टम में आते कहाँ से हैं। जब भी आप किसी ऐसी साइट पर विजिट करते है जिसके URL में कोई ताला (SSL) नही लगा होता है। और उससे कोई भी फाइल डाउनलोड करते हैं। तो साथ मे Malware भी डाउनलोड हो जाते हैं। इसके अलावा जब हम अपने Computer में कोई ऐसी Pen drive कनेक्ट करते हैं जिसमें मैलवेयर रहते हैं तो हमारे कंप्यूटर में भी फैल जाते हैं।
कंप्यूटर वायरस का मुख्य उद्देश्य क्या होता है?
- कंप्यूटर की उपयोगी फाइलस या सूचनाओ को नष्ट करना।
- Folders में चेंजेस करना।
- Hard Disk को Format करना।
- Computer की Speed को कम करना।
- कंप्यूटर के कीबोर्ड की कीज को चेंज कर देना।
- फाइलस के अन्दर का डाटा को बदल देना।
- स्वयं को तथा फाइलो की कई सारी कॉपी बनाना और मेमोरी को भरना।
- फाइलो को Execute होने से रोकना।
- कंप्यूटर की स्क्रीन पर फालतू की पॉपअप दिखाना।
- फाइलों के साइज तथा उनके स्ट्रक्चर में परिवर्तन करना।
- बूट सेक्टर में प्रभावित करना तथा कार्य करने से रोकना।
कंप्यूटर या मोबाइल को वायरस से कैसे बचाएं?
- Unknown source से कोई भी सॉफ्टवेयर डाउनलोड बिल्कुल न करे।
- किसी ऐसी वेबसाइट को ओपेन न करें जो सेक्योर न हो।
- ऐसे E-mails को ओपेन न करें जिसके बारे में आपको कोई भी जानकारी न हो।
- Crack version के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल न करें।
- अपने कंप्यूटर सिस्टम में एक अच्छा सा Anti virus इंस्टाल कर के जरूर रखें।
- करप्ट हो चुकी या वायरस से इनफेक्टेड पेन ड्राइव को अपने कंप्यूटर से कनेक्ट न कभी भी न करें।
Conclusion – निष्कर्ष
अगर आप के कंप्यूटर या मोबाइल में जरूरी फाइलस और डेटा है तो आप को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि वायरस इंटरनेट के जरिए आसानी से फैल सकते हैं। इसके साथ ही एक अच्छा सा एंटी वायरस अपने कंप्यूटर सिस्टम में इंस्टॉल कर के रखे।
आशा करता हूँ कि Computer virus kya hai, Computer virus in hindi और वायरस कितने प्रकार के होते हैं? आप के लिए उपयोगी रहा होगा।
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